You might have seen some traders and small business owners whose income or profits are low, tend to keep a Laughing Buddha in their office or shop for good fortune. In fact, Family members struggling with financial problems or difficulties also keep a Laughing Buddha at their house to bring financial benefits.
However, according to Vastu, the Laughing Buddha cannot be placed anywhere in the house or else you might face negative consequences and Vastu defects. So, let’s understand how, according to Vastu in Indian culture, Kuber is considered to be better and beneficial for wealth and prosperity in comparison to Laughing Buddha.
From Laughing Buddha to Kuber– In ancient Indian culture, Kuber has held a special place as a deity of wealth and prosperity. Kuber is considered a ruler of money, luxury, and natural comfort. This belief has played an integral part in our historical stories and spiritual traditions. However, over time, the recognition of our own culture has faded and external influences have affected our mindset.
The journey from Kuber to Tibet and China- Stories of Kuber from India reached Tibet, where his image was reshaped and adopted as ‘Jambhala’. When these stories reached China, Kuber’s image was further transformed. In China, this image became popular as ‘Laughing Buddha’. It is believed that the Laughing Buddha has no direct connection to our spirituality, yet it has been kept in Indian homes and offices as a remedy, symbolizing prosperity and happiness. However, this symbol is quite different from the core ideology of our Indian culture.
Remove Laughing Buddha, Adopt Kuber- If you want to attract the energy of prosperity and wealth to your home or office through an unmatched blend of spirituality, replace the Laughing Buddha with Kuber. Kuber not only represents our spiritual and cultural values but also helps in strengthening our mental and emotional connections.
Why Kuber?
For centuries, in Indian tradition, Kuber has been a symbol of prosperity, richness, and stability, while the use of the Laughing Buddha goes against our traditions and values. Kuber is a representation of our culture and incorporating him is a crucial step towards strengthening our cultural identity. According to VastuShastri Kushdeep Bansal’s research, here are some Vastu remedies involving Kuber:
MahaVastu Remedies for placing Kuber:
- Place the idol of Kuber on a table, wall, or shelf in the North (N) direction of the house or building.
- Ensure that the idol of Kuber faces South (S) while placing it.
Results obtained by Kuber-
Soon after applying this MahaVastu remedy, financial issues will start to improve, and cash crunch and money shortages begin to resolve. You can also try this remedy to overcome the lack of money and gain profit in your trade and business.
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- If you have any doubts, meet with a nearby Acharya for a free assistance.
- Take advice from our Experts.
[HINDI VERSION]
हंसते हुए लाफिंग बुद्धा एक मिथक या वास्तविकता?
आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ व्यापारी, छोटे बिजनेस करने वाले, जिनकी आमदनी,प्रॉफ़िट कम होता है वो लाफिंग बुद्धा को अपने दफ्तर, शॉप पर लाभ के लिए रखते हैं
आर्थिक, फाइनेंशियल परेशानियों से जूझने या परिवार के किसी व्यक्ति को हमेशा आर्थिक दिक्कतें बनी रहती हैं, तो भी घर में लाफिंग बुद्धा रखना आर्थिक लाभ दिलाने का प्रतीक मानते हैं ।
लेकिन, वास्तु अनुसार घर में लाफिंग बुद्धा को कहीं भी नहीं रखा जा सकता है, वरना आपको इसके बुरे परिणाम,वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। तो आईए, जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में वास्तु अनुसार कुबेर धन,संपदा के लिए लाफिंग बुद्धा से कैसे बेहतर और अधिक लाभकारी है?
हंसते हुए बुद्धा से लेकर कुबेर तक – जैसाकि भारत की प्राचीन संस्कृति में धन और समृद्धि के देवता के रूप में कुबेर का एक विशेष स्थान रहा है । कुबेर को धन, ऐश्वर्य और प्राकृतिक सुख-सुविधाओं के शासक के तौर माना गया है। यह धारणा हमारी पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिक मान्यताओं का अभिन्न हिस्सा रही है। लेकिन समय के साथ, हमारी अपनी संस्कृति की पहचान धुंधली होती गई और बाहरी प्रभावों ने हमारे मनोविज्ञान को प्रभावित किया।
कुबेर से तिब्बत और चीन तक की यात्रा भारत से कुबेर की कहानियाँ तिब्बत पहुंचीं, जहां उनकी छवि को एक नए रूप में ढाल दिया गया, तिब्बत ने कुबेर को ‘जंबला’ के रूप में अपनाया। इसके बाद, जब ये कहानियाँ चीन पहुंचीं, तो वहाँ कुबेर की छवि को और भी परिवर्तित कर दिया गया। चीन में यह छवि ‘हंसते हुए बुद्ध’ या ‘लाफिंग बुद्धा’ के रूप में लोकप्रिय हो गई। ऐसा माना जाता है कि ‘हंसते हुए बुद्ध’ का हमारी आध्यात्मिकता से सीधा कोई संबंध नहीं है, फिर भी इसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक मानकर भारतीय घरों और ऑफिस में रेमेडी के तौर रखा जाने लगा है । पर, यह सिंबल वास्तव में भारतीय संस्कृति की मूल आइडियोलॉजी से ठीक अलग है।
लाफिंग बुद्धा हटाएँ, कुबेर अपनाएँ यदि आप अपने घर या ऑफिस में खुशहाली और धन की एनर्जी को आध्यात्मिकता के बेजोड़ मेल से अट्रैक्ट करना चाहते हैं, तो लाफिंग बुद्धा को हटाकर कुबेर लगाएँ क्योंकि कुबेर न केवल हमारे आत्मिक और सांस्कृतिक वैल्यू का रिप्रेजेंट करता है बल्कि यह हमारे मेंटल और एमोशनल जुड़ाव को भी मज़बूत करता है।
कुबेर ही क्यों?
सदियों से भारतीय परंपरा में कुबेर समृद्धि, स्थिरता और वैभव का प्रतीक रहे हैं वहीं हंसते हुए बुद्ध का उपयोग हमारी परंपराओं और मूल्यों के विपरीत है,साथ ही कुबेर हमारी संस्कृति का प्रतीक है बल्कि उसको अपनाना हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।
वास्तुशास्त्री खुशदीप बंसल जी ने अपने शोध के अनुसार कुबेर को लेकर कुछ वास्तु उपाय सुझाए:
कुबेर जी लगाने के लिए महावास्तु उपाय:
- घर या भवन की उत्तर (N) दिशा में मेज़, दीवार या शेल्फ पर रखें।
- ध्यान रहे कुबेर जी को रखते समय इनका मुख दक्षिण (S) की ओर हो।
कुबेर जी द्वारा पाए गए परिणाम:
इस महावास्तु रेमेडी को लगाने के कुछ ही समय बाद धन संबंधी समस्याओं में सुधार आने लगता है साथ ही कैश और पैसे की तंगी से छुटकारा मिलने लगता है। आप भी चाहे तो इस रेमेडी को आज़मा के पैसे की कमी को पूरा कर अपने व्यापार और बिजनेस में लाभ पा सकते हैं ।
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